Tuesday, July 22, 2008
वाट आ आईडिया सरजी !
ये आईडिया मोबाइल की पञ्च लाइन ही हिया जनाब.आपने ठीक समझा। आजकल एक नया विज्ञापन देखने में आ रहा है। इसमें आईडिया मोबाइल से दूर दराज़ के छोटे छोटे बच्चो को पढ़ते हुए दिखाया गया है। गौर कीजिये कितना सटीक विज्ञापन है। ये है नए भारत की तस्वीर जिसमे तकनीक को समाजसेवा का साधन बनाया गया है। कहने वाले ने इस ३० सेकंड के विज्ञापन में पूरी बात कह दी है। वो ये की हमारा प्रोडक्ट हर जगह और हर किसी के लिए सुविधाजनक है। दूसरी बात ये की तकनीक को आम आदमी तक पहुँचना चाहिए। सबसे बडा सन्देश यह है की हमे दुसरो के लिए सोचने की कोशिश करनी चाहिए। ऐसे लोगो के लिए काम कारने की कोशिश करनी चाहिए जो दबे कुचले है। जिनके पास उतनी सुविधाए नहीं हैजिनसे वो अपनी ज़रुरत पूरी कर सके। हमे अपनी इस अति भौतिकवादी दुनिया से बाहर निकल कर समाज के लिए भी कुछ करना चाहिए। तभी गाँधी और नेहरु के सपनो का भारत बनेगा।
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