Tuesday, July 22, 2008

सिंह इज किंग

चौकिये नहीं कम यहाँ नयी फिल्म की बात नहीं कर रहे, बल्कि अपने प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और उनकी सरकार की बात कर रहे है, जिसने सारी बाधाओं को पार करते हुए आखिरकार अपनी सरकार को बचा कर देश को एक और मध्यावधि चुनाव की आग में झुलसने से बचा लिया। बधाई सरजी। यू आर रियल किंग। और हमारी सोनिया जी रियल किंगमेकर । मंगलवार का दिन न केवल मनमोहन , मायावती, आडवानी, लालू, कारत, मुलायम और अमर के लिए अहम् था, बल्कि पुरे देश की नज़रें संसद पर लगी थी। सब को बेचैनी थी की क्या होगा ताज रहेगा या जायेगा। लेकिन रात आठ बजे जैसे ही स्पीकर सोमनाथ चटर्जी ने ये घोषणा की की मनमोहन सिंह सरकार ने २३२ के मुकाबले २५३ मतों से जीत हासिल कर ली है वैसे संप्रग के खेमे में राहत की सांस ली गयी। दूसरी और राजग खेमे में सबके चहरे लटक गए। दूसरी तरफ विरोधियो ने जीत के कारवा को रोकने के लिए क्या क्या नहीं किया, पर हुआ वाही जो सोनिया रची राखा, संसद में नोटों के बण्डल को लेजा कर सरकार पर सांसदों की खरीद फ़रोख्त तक को साबित करने की कोशिश की गयी। इसमें सपा सांसद अमर सिंह के ऊपर इस मामले में पैसा देने के आरोप भी लगे। पर अंत भला तो सब bhala

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