Friday, July 11, 2008

रात की खूबसूरती

ऐ रात तू बडी खूबसूरत है, दिन जो देता है गम उसे अपनी गोद में छुपाती है।
ऐ रात तू हसीं है आखों में महबूब के हसीं ख्वाब जो दिखाती है,
दूर चले गई है जो यादें उन्हें फिर से करीब लाती है।
ऐ रात तू इतनी हसीं क्यों है , जो उजाले अंधेरो को अंधरे उजाले में बदलती है। दिन भर सताते है जो डरावने सपने उनसे दूर ले जाती है तू। घोर निराशा के अंधेरो को दूर भगा जिंदगी की नयीआह दिखाती है तू शायद इसी लिए शायर की शायरी और महबूब की प्यास है तू। ऐ रात तुझे एक अदने इंसान का छोटा सा सलाम.....

2 comments:

समय चक्र said...

bahut badhiya likhate rahaiye. thanks

SHAKTI said...

thank u very much dear mishraji. bas ek choti see koshish hai. aap sabhi se judane ka.