Sunday, November 30, 2008

आखो में नमी, दिल में दर्द और .....

कितनी जाने , कितना डर, कितना खौफ, कितना दर्द, कितने आंसू, कुछ भी हिसाब नही इनका। मुंबई की ये काली रात कुछ ज्यादा ही लम्बी हो गयी थी और लगता था की अब शायाद कभी सुबह ही नही होगी। पर हर बार की हमारे देश की अजेय सेना और उसके बहादुर जवानों ने आते ही लोगो को भरोसा दिलाया की घबराओ नही 'हम है ना ' अब सब कुछ ठीक हो जाएगा। सेना को देखते ही लोगो को भी दिलासा मिली की अब सब ठीक हो जाएगा। पूरे ६० घंटे बिना थके, बिना रुके, बिना खाए, बिना सोये और बिना अपनी जान की परवाह किए लड़ते रहे हमारे ये वीर बहादुर जवान। और जब जीत ली जंग तो जो खुशी का हुजूम दिखा, उसे देखने के बाद शायद ही ऐसा कोई हो जिसके मन में अपने देश और अपने देश की सेना के लिए गर्व न रह हो। जब भारत माता की जय, वन्देमातरम और जो हिन्दुस्तान से टकराएगा चूर चूर हो जाएगा के नारे लगाये गए, अपने बहादुर सैनिको को छूने की चाहत, उन्हें देखने की चाहत और उन्हें बधाई देने का उन्माद देख कर हर भारतीय की छाती चौडी हो गई। हालाँकि मिशन मुंबई की आज़ादी में हमारे २० बहादुरों को अपनी जान गवानी पड़ी। और जब इनकी अन्तिम यात्रा निकली तो हर देशवासी की आँखों में नमी उतर आयी। हर भारतीय का दिल रो रहा था। लेकिन साथ ही इन वीर सपूतो पर नाज़ भी था। अब जब ये काली रात गुजर गयी है, और कुछ दिनों के बाद सब कुछ नोर्मल हो जाएगा, जब एक बार फिर मुंबई वापस अपनी पूरी रफ़्तार से दौड़ने लगेगी तो कही ऐसा न हो की हम और आप इनकी कुर्बानी को भूल जाए। जब कभी भी ऐसा लगने लगे की जिंदगी की रात कुछ ज्यादा ही काली हो रही है, देश में कहीं कुछ अच्छा नही हो रहा, और हर ओर सिर्फ़ निराशा ही निराशा है तो एक बार इन वीरो को जरूर याद कर ले , ये निश्चित ही एक बार फ़िर आप को निराशा की अँधेरी रातो से बाहर निकाल लायेगे । इन सबसे ऊँचे कद के लोगो के बारे में लिखने के लिए मुझे शब्द नही मिल पा रहे पर मई सिर्फ़ इतना ही कह सकता हूँ,
आखो में नमी दिल में दर्द ,जुबा खामोश कर गए तुम। कुछ ऐसा कर गए तुम की चाह कर भी न भूल पायेगे, जब भी दिल में होगी कोई खुशी बहुत याद आयेगे आप। तुम्हे आखरी सलाम।

1 comment:

Udan Tashtari said...

हमारा भी सलाम शहीदों को!!!